संदेश

मार्च, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

महिलाओं की सबसे बड़ी चुनौती पितृसत्तात्मक सोच वाली शातिर महिलाएं ही हैं

चित्र
महिला दिवस को लेकर आज जब हम बात कर रहे हैं तो हमें चीजों को अलग तरीके से देखना होगा क्योंकि आज की परिस्थिति में और कल की परिस्थिति में बहुत नहीं तो थोड़ा अन्तर तो आया ही है। महिला दिवस मेरे लिए आत्मविश्लेषण का अवसर है क्योंकि आज महिलाएं दो अलग छोर पर हैं, एक ऐसा वर्ग जो आज भी जूझ रहा है, जिसके पास बुनियादी अधिकार नहीं हैं, कुरीतियों और बंधनों से जकड़ी हैं...जीवन के हर कदम पर उनके लिए यातनाएं हैं, प्रताड़नाएं हैं। दूसरी तरफ एक वर्ग ऐसा है जो अल्ट्रा मॉर्डन है और उसे इतना अधिक मिल रहा है कि वह उसे बनाए रखने के लिए साजिशों पर साजिशें रच रहा है और दूसरी औरतों को सक्षम बनाने की जगह उनके साथ माइंड गेम खेल रहा है। उसे महिला होने की सुविधा चाहिए पर समानता को लेकर जो दायित्व हैं, उससे उसका सरोकार नहीं। पहले वर्ग पर बातें खूब हो रही हैं इसलिए आज मैं दूसरे वर्ग पर बात करना चाहूँगी। पितृसत्तात्मक सोच वाली ऐसी शातिर महिलाएं किचेन पॉलिटिक्स व ऑफिस पॉलिटिक्स में माहिर हैं। ऐसी औरतें हमारे घरों में हैं और दफ्तरों में हैं और इन सबका टारगेट हर वह संघर्ष कर रही महिला है जो प्रखर है, मुखर है, कहीं अधिक ...