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आपकी 74 इंच की नाक के आगे एक बेहद प्यार भरी दुनिया है....

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साक्षी मिश्रा ने तहलका मचा रखा है। जिस देश में बेटियों के जन्म से लेकर उसके पहनावे, भोजन, चलने - फिरने और बात करने का फैसला समाज को देखकर किया जाता हो, उसी समाज में साक्षी ने अपने विधायक पिता के तमाम बन्धनों को धता बताकर अपना जीवनसाथी खुद चुन लिया। यह उसका बड़ा गुनाह था...माता - पिता के कष्ट को लेकर सोशल मीडिया पर बड़े लोग कलेजा फाड़कर रो रहे हैं, लड़कियों को लानतें दे रहे हैं...और तो और कविताएँ लिखकर लड़कियाँ जन्म न होने देने की धमकी दे रहे हैं। वैसे यह भी जान लेना चाहिए कि इस देश में एक बेटे की चाह में चार लड़कियाँ होने देना और बेटा होने पर उनके खाने - पीने में भी कटौती करने वाले पिता हैं। आवारा बेटों को अफसर बनाने की चाह रखने वाले और काबिल बेटों को शादी के नाम पर बेचकर करोड़ों कमाने वाले, दहेज से घर का कर्ज और बेटी की शादी निपटाने वाले पिता अपनी इज्जत को लेकर परेशान हैं। बात कड़वी है मगर भारत में तो शादियाँ स्टेटस और पैसा देखकर होती हैं..बेटे ने किया तो और.फायदा हो तो ईश्वर की मर्जी मानकर स्वीकार कर लेंगे और बेटी ने कर लिया तो उसकी हत्या तक का इरादा बनाने में मिनट भर नहीं लगता।